मुख्यमंत्री ने देवीधुरा स्थित देवीधुरा स्थित देवीधुरा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेले में प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त किया।
विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने मुख्यमंत्री धामी पढ़ें पूरी खबर..
चार खाम सात थोक के फूल बीच फूलों से खेलने वाला पाषाण युद्ध 11 मिनट तक चला, पाषाण युद्ध के साक्षी बने मुख्यमंत्री धामी पढ़ें पूरी खबर..
बग्वाल मेला हमारी लोक संस्कृति, आस्था और संप्रदाय का संगम है: मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि रीठा में रतिया में नदी बाढ़ सुरक्षा का निर्माण कार्य और वैकल्पिक एप्रोच रोड का निर्माण कार्य किया जाएगा और मानसखंड कोरीडोर के भव्य वाराही मंदिर के उद्घाटन और स्थापना कार्य में शामिल किया जाएगा।
पीढ़ी दर पीढ़ी लोक संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाएं हम सभी का कर्तव्य है:धामी
मुख्यमंत्र धामी ने कहा कि देवभूमि के कण-कण में देवताओं का वास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ पौराणिक स्थलों का भी स्वागत कर रही है
मानसखंड मंदिर मठ मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र की पौराणिक कथाओं का सौंदर्यीकरण हो रहा है
चार धामों के साथ ही मानसखंड में मंदिरों को भी रोपवे से जोड़ने का कार्य जारी है। मां पूर्णागिरि धाम को रोप-वे से जोड़कर मानसखंड यात्रा के तहत विशेष ट्रेन भी चलवाई जा रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में मंदिरों के साथ-साथ कृषि, दुग्ध उत्पाद, शिक्षा, बागवानी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रही है।
चंपावत कॉलेज को सोबन सिंह लाइव विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जा रहा है।
,चंपावत मुख्यालय में ए आरटीओ का उप कार्यालय खुला।
मुख्यमंत्री लक्ष्मण सिंह धामी ने सोमवार को चंपावत जिले के देवीधुरा में स्थित मां वाराही धाम में स्थित बागवाल मेले में रक्षा मंत्री के रूप में प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मां वाराही मंदिर में घंटियां और राज्य की खुशहाली एवं मजदूरों की कामना की। मुख्यमंत्री, मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच फूल फूल से खेलने जाने वाले विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने। *इस साल पाषाण युद्ध करीब 11 मिनट तक चला*।
*मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि रीठा में रतिया नदी में बाढ़ सुरक्षा का निर्माण कार्य और वैकल्पिक एप्रोच रोड का निर्माण कार्य किया जाएगा और मानसखंड कॉरीडोर के रेगमेंट वारा मंदिर के छूटे अबही स्थापना कार्य में शामिल किया जाएगा।* मुख्यमंत्री ने अलग-अलग बातें बताईं स्टालो का अनुगमन भी प्रस्तावित किया गया।
मुख्यमंत्री पुतिन ने सभी देवी-देवताओं को नमन करते हुए सभी को रक्षा मंत्रालय की ओर से शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि देवीधुरा के ऐतिहासिक और रमणीक क्षेत्र में मैं स्वयं को असहमत महसूस कर रहा हूं। बग्वाल मेला हमारी लोक संस्कृति, आस्था और साझी का संगम है। यह मेला हमारी संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के साथ ही हमारी संस्कृति का भी अभिनंदन करता है। उन्होंने कहा कि पुरानी विरासत को आगे बढ़ाने और ऊर्जा को आगे बढ़ाने वाली पीढ़ी को पेश किया जाना चाहिए। पीढ़ी दर पीढ़ी लोक संस्कृति को आगे बढ़ाएं हम सभी का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्र धामी ने कहा कि देवभूमि के कण-कण में देवताओं का वास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ पौराणिक स्थलों का भी स्वागत कर रही है। मानसखंड मंदिर मठ मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र की पौराणिक कथाओं का सौंदर्यीकरण हो रहा है। देवीधुरा भी इस मिशन का महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने कहा कि चार धामों के साथ ही मानसखंड में मंदिरों को भी रोपवे से जोड़ने का काम जारी है। माँ पूर्णागिरि धाम को रोप-वे से जोड़ा जा रहा है। मानसखंड यात्रा के तहत विशेष ट्रेन भी चलवाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में मंदिरों के साथ-साथ कृषि, दुग्ध उत्पाद, शिक्षा, बागवानी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रही है। चंपावत कॉलेज को सोबन सिंह लाइव विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। चंपावत मुख्यालय में ए आरटीओ का उप कार्यालय खोला गया। चंपावत को आदर्श जिला बनाने के साथ ही उत्तराखंड को एक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
इस दौरान *मुख्यमंत्री जी द्वारा लोक कलाकार बर्गली द्वारा तैयार “जय मां वाराही” वीडियो लॉन्च किया गया*।
इस अवसर पर श्री धामी द्वारा हेलीपेड के निकट जीआईसी परिसर देवीधुरा में पौधारोपण किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति राय, विधायक श्री खुशाल सिंह अधिकारी, विधायक राम सिंह काढ़ा, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री निर्मल महरा, पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र सिंह पाल, उपाध्यक्ष सेतु श्री राजशेखर जोशी, बाराही मंदिर समिति के संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, अध्यक्ष श्री मोहन सिंह बिष्ट, सेतु के उपाध्यक्ष श्री राजशेखर जोशी और अन्य लोग उपस्थित रहे।